चिनाब - चंद्रा और भागा दो नदियां से मिलकर चंद्रभागा नदी की उत्पति वरालाचा दर्रे में 4,891 मीटर की ऊंचाई पर हुई है। चंद्रा और भागा तांदी नामक स्थान पर (2,286 मीटर की ऊंचाई पर) मिलती हैं। मान्यता है कि चंद्रा चाँद की बेटी है और भागा सूर्य का बेटा। चंद्रभागा विशाल नदी बनकर बहती है और भुजिंद से आगे चम्बा जिले की पांगी घाटी में प्रवेश कर जाती है। इस जिले में वह संसारी नाला तक जाती है और यहां हिमाचल को छोड़कर कश्मीर की पडार घाटी में प्रवेश कर जाती है। वहाँ यह चिनाव के नाम से जानी जाती है।
यह बारालाचा पास की उत्तरी - पश्चिमी ढलानों से निकल कर उतर - पश्चिम दिशा में बहना शुरू करती है। इसके बाद दक्षिण - पूर्व की ओर बहती हुई तांदी पहुँचती है। दारजा गांव तक नदी के दोनों छोर निर्जन पठारों से सने हैं। लाहौल के केलांग उपमंडल में नदी हरियाली युक्त पहाड़ो के मध्य से संकरी घाटी में बहती है। तांदी तक इसकी यात्रा लगभग 65 किलोमीटर तक की है। चन्द्रा तथा भागा दोनों ही नदियों के साथ झीले बनती हैं। भागा का उद्गम बारालाचा की बर्फीली तहें हैं लेकिन इसका मुख्य स्त्रोत सूरजताल झील है। उसी तरह चन्द्रा का उद्गम चंद्रताल से है। हिमाचल प्रदेश में यह लगभग 122 किलोमीटर का सफर काटकर कश्मीर घाटी में प्रवेश पाती है। इस नदी में पानी की मात्रा हिमाचल प्रदेश की सभी नदियों से अधिक है।
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